दिन: जून 21, 2020

2D सीट पर का व्यक्ति(The Man in Seat 2D)

प्रीति ने अपनी ग्यारह महीने की बेटी लिली और लिली की ऑक्सीजन मशीन के साथ हवाई जहाज के संकीर्ण गलियारे से गयी l वह अपने बच्चे के फेफड़ों की पुरानी बीमारी के इलाज के लिए यात्रा कर रही थी l अपनी साझा सीट पर बैठने के कुछ समय बाद, एक फ्लाइट परिचर ने यह कहते हुए प्रीति से संपर्क किया, कि प्रथम श्रेणी में एक यात्री उसके साथ सीट बदलना चाहता था l चेहरे पर कृतज्ञता के आँसू के साथ, प्रीति ने अधिक बड़ी सीट पर बैठने चली गयी, जबकि वह अजनबी शुभचिंतक उसकी सीट पर आ गया l

प्रीति के शुभचिंतक में उस प्रकार की उदारता सन्निहित थी जो पौलुस तिमोथी को लिखे अपने पत्र में प्रोत्साहित करता है l पौलुस ने तीमुथियुस से कहा कि जो उसकी देखभाल में हैं उनको आज्ञा दें कि वे “भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों” (1 तीमुथियुस 6:18) l पौलुस कहता है, अहंकारी बनना और इस संसार के धन में अपनी आशा रखना लुभावना है l इसके बदले, वह सलाह देता है कि हम उदारता का जीवन और दूसरों की सेवा करने वाला जीवन पर केन्द्रित होकर, केसली फ्लाइट में 2D सीट पर के उस व्यक्ति की तरह भले कामों में “धनी” बने l

चाहे हमारे पास बहुत है या हम अभाव में हैं, हम सभी दूसरों के साथ जो कुछ भी है उसे साझा करने के लिए तैयार होकर उदारता से जीने की प्रचुरता का अनुभव कर सकते हैं l जब हम ऐसा करते हैं, पौलुस कहता है कि हम “सच्चे जीवन को वश में कर [लेंगे]” (पद.19) l